वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने सोमवार को रूस पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया। रूस अब 2020 में जापान ओलिंपिक और 2022 में कतर में होने वाले फुटबॉल वर्ल्ड कप में हिस्सा नहीं ले पाएगा। साथ ही वह विंटर ओलिंपिक और पैरालिंपिक में भी भाग नहीं ले सकेगा। वाडा ने कहा- रूस पर आरोप था कि वह डोप टेस्ट के लिए अपने एथलीट्स के गलत सैंपल्स भेज रहा है। जांच में यह सही पाया गया कि रूस ने सैंपल्स से छेड़छाड़ की।
स्विट्जरलैंड में वाडा की 12 सदस्यीय कार्यकारी समिति ने रूस के खिलाफ प्रतिबंध का प्रस्ताव पारित किया। अनुपालन समिति ने प्रतिबंध की सिफारिश की थी। रूस की एंटी डोपिंग एजेंसी के प्रमुख यूरी गानस ने प्रतिबंध लगने की जानकारी दी। वाडा के नियमों के मुताबिक, वह रूसी एथलीट जो डोपिंग के आरोपी नहीं हैं, न्यूट्रल खिलाड़ियों के तौर पर अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में हिस्सा ले सकेंगे।
ये हालात क्यों बने?
रूस ने इसी साल जनवरी में वाडा को अपनी सरकारी डोपिंग लैब का डाटा सौंपा था। यह मॉस्को में है। रूस ने कहा था कि इस एकीकृत डाटा को सौंपने के बाद उसे वाडा की प्रतिबंधित लैब सूची से बाहर किया जाना चाहिए। लेकिन, बाद में वाडा ने साफ कर दिया कि उसे जो डाटा मिला है, वह विश्वसनीय नहीं है। वाडा ने कहा था कि रूस ने संस्था के मानकों का पालन नहीं किया। खास बात ये है कि रूस के एंटी डोपिंग एजेंसी के प्रमुख यूरी गानस ने भी माना था कि संभवत: वाडा को भेजे गए डाटा से छेड़छाड़ की गई।